Horror story in Hindi No Further a Mystery

मोलिसा ने मुझे दो दिन पहले फ़ोन किया था, शायद उसको कोई समस्या हैं. चलिए मैं आपको उससे लाइव बात करवाता हूँ.

रोहन कार चला रहा था और उसकी गर्लफ्रेंड शिनॉय उसके बगल में बैठी थी। उस रात की खामोशी से डर न लगे इसलिए रोहन ने गाड़ी में गाना चला रखा था। पर फिर भी रोहन को बहुत जोरों से नींद आ रही थी। बार बार उसकी आंखें झपक रहीं थी और उससे कार नहीं चलाई जा रही थी। 

Science ye manta hai ki insan ke Marne ke baad uske sarir se unbalanced unfavorable Electrical power deliver hoti hai aur Admi ka ka sarir 21 gram weightloss kar deta hai par ye kehena ki Vo vapis badla lene aaege galat hai

राकेश – क्या हुआ झुमकी बेटा तुम इतना डर क्यों रही हो?

पहाड़ों से check here घिरी घाटी में बसा गांव चंद्रपुर कभी अपनी शांति के लिए मशहूर था। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से दहशत का साया गांव पर छाया हुआ था। अचानक लापता होने वाले लोगों और जंगल से आनेवाली खौफनाक चीखों ने सबको खामोश कर दिया था। बूढ़े कहने लगे यह आदमखोर की वापसी है। 

पोंड का डरावना भूत डरावनी कहानी – horror tales in hindi lyrics

स्वाति अपनी आदत को बदल ही नहीं पा रही थी, डॉक्टर भी स्वाति को कई बार समझा चुके थे, पर ना जाने क्यों स्वाति डॉक्टर की बात को अनसुना करके अपनी आदत को बनाये रखी थी।। शायद स्वाति को पता भी नहीं था कि ...

पिज़्ज़ा बॉय – खिडकी से क्योंकि आप घर में अकेले हो।

नीता ने बंगले से बाहर निकलते हुए एक सबक सीखा कि डर से नहीं भागना चाहिए, बल्कि साहस और संयम के साथ अपने आप को आगे बढ़ाना चाहिए।

पिके: हेल्लो सारा! मैं पिके बोल रहा हूँ. क्या तुम मुझे अपने बारे में विस्तार से बता सकती हो.

आसमान पर पूरा चांद अपनी रोशनी से भनायक दिखने वाली जगहों को भी हसीन बना रही थी। अंधेरा एक हसीन जगह को भयानक बना सकता है और रौशनी एक भयानक जगह को हसीन बना सकती है। घने जंगल को चीरत...

आर्यन के पापा उसको घर ले जाते हैं। आर्यन अपने पापा को सारी बात बताता है और फिर उस रात के बाद आर्यन कभी घर पर अकेला नहीं रुकता है।

सारा एक इक्कीस साल की भोली भाली लड़की थी जो भोपाल में अपने परिवार के साथ हसी खुशी से रह रही थी पर अपने एक दोस्त के शादी में उसे वीर नामक एक लड़के से प्यार हो जाता है सारा ने वीर के बारे में अपने ...

एक दिन मेरे दादाजी देर रात को साइकिल से घर आ रहे थे। हमारा गाँव दूसरे गाँव से कुछ दूर है, इसलिए रास्ता अंधेरे से भरे पेड़ों से भरा है। यह डरावना था लेकिन मेरे दादाजी के लिए यह सामान्य बात थी क्योंकि वह उस रास्ते से कई बार देर रात गये थे।

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